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क्या है वो केस जिसकी वजह से झारखंड में खड़ा हुआ सियासी बवाल, क्यों बढ़ी है हेमंत सोरेन की मुश्किल

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द फॉलोअप डेस्कः 
झारखंड में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। आज ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने वाली है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह क्या वजह है कि झारखंड का सियासी पारा बढ़ा हुआ है और हेमंत सोरेन को बार-बार ईडी समन भेज रही है।  आपको यहां हम एक-एक बात बताते हैं। दरअसल ईडी के अधिकारी सीएम से बड़गाई अंचल में डीएवी बरियातू के पीछे स्थित 8.46 एकड़ जमीन के संबंध में पूछताछ कर रही है। सबसे पहले 13 अप्रैल को ईडी ने बढ़गाई अंचल के तत्कालीन उप राजस्व निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के यहां छापेमारी की थी। यहां से एजेंसी को कई दस्तावेज बरामद हुए थे। वहीं मोबाइल से भी कई जमीनों की जानकारी मिली थी। इस मामले में रांची डीसी के आदेश पर बड़गाई अंचल के सीओ मनोज कुमार ने सदर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसी केस को आधार बनाकर ED ने जांच शुरू कर दी। 14 अप्रैल को इस मामले में ED ने पहली बार 7 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें प्रदीप बागची, अफसर अली, सद्दाम हुसैन के अलावा 4 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। करीब 23 दिन बाद रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित IAS अधिकारी छवि रंजन की गिरफ्तारी हुई। छवि से पूछताछ के आधार पर 31 जुलाई को न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया।


कई लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी 
यह पूरा मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है। फर्जी नाम-पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई। इस सिलसिले में रांची नगर निगम ने एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। ईडी ने उसी एफआईआर के आधार पर सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज करके जांच शुरू की थी। दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे के सिलसिले में मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए ED की ओर से बार-बार समन भेजा जा रहा था। जमीन घोटाला मामले में एक आईएएस अधिकारी और दो व्यापारियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 


सीएम को अब तक कितने समन, और कब-कब :
पहला समनः 8 अगस्त को भेजा गया और 14 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश था।
दूसरा समनः 19 अगस्त को भेजा गया और 24 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश था।
तीसरा समनः 1 सितंबर को भेजा गया और 9 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश था।
चौथा समनः 17 सितंबर को भेजा गया और 23 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश था।
पांचवा समनः 26 सितंबर को भेजा गया और 4 अक्टूबर को हाजिर होने का निर्देश था।
छठा समनः 11 दिसंबर को भेजा गया और 12 दिसंबर को हाजिर होने का निर्देश है।
सातवां समनः 29 दिसंबर को भेजा गया, पूछताछ के लिए समय और जगह खुद तय करने को कहा गया।
आठवां समनः 13 जनवरी को भेजा गया और 16-20 जनवरी तक बयान दर्ज कराने का समय है।
पूछताछ: 20 जनवरी को हुई सीएम से पहली बार पूछताछ।
नौवां समनः 25 जनवरी को भेजा गया, पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी का समय।
दसवां समन: 27 जनवरी को भेजा गया है, बयान दर्ज कराने के लिए 29-31 जनवरी तक का समय है।
31 जनवरी तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पेश होने के लिए कहा गया है